आषाढ़ अमावस्या 21 जून को कंकनाकृति सूर्य ग्रहण होगा इस दिन शनि शुक्र गुरु और बुध ग्रह उल्टी चाल में होंगे राहु केतु सदा उलटी दिशा में ही चलते हैं इस तरह से जो ग्रह अपने प्रभाव के कारण आकाश में और द्वित नजारा दिखाएंगे जिस पर वैज्ञानिकों की नजर भी लगी हुई है आसमान में दिन में तारे टिमटिमाते देखें और लगभग 30 सेकंड के लिए दिन में रात नजर आएगी
टिम टिम करते तारे आएंगे
ज्योतिषी मत
भारत में दिखने वाले ऐसे सूर्य ग्रहण का बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा 18 जून से 25 जून तक 7 दिनों के लिए 6 ग्रह वक्री रहेंगे तथा साथ में गुरु और शनि का एक साथ मकर राशि में दुर्लभ योग भी बनेगा इससे पहले यह योग 1961 में देखने को मिला था ग्रहण काल में प्रभु का जाप भजन एवं धार्मिक ग्रंथों का पाठ पठन एवं श्रवण करना अत्यधिक उचित रहेगा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अत्यंत शुभ कार्य सिद्ध होगा ग्रहण काल के उपरांत संभव हो तो किसी नदी में स्नान करके दलित वर्ग के लोगों को यदि खाद्य वस्तुएं दान में दी जाए तो अनेक अनेक संकटों से व कष्ट से मुक्ति मिलेगी
ग्रहण सूतक
ग्रहण का सूतक ग्रहण प्रारंभ होने से 12 घंटे पहले लग जाता है अतः 20 जून 2020 को रात्रि 9:00 बजे से सूतक लग जाएगा सूतक लगने से पहले घर में रखी वस्तु में जैसे दूध दही मक्खन घी तेल अच्छा आदमी दिलकुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए जिससे दूषित नहीं होती सूखे खाद्य पदार्थ में डालने की आवश्यकता नहीं
ग्रहण काल में क्या करें क्या ना करें
जब ग्रहण प्रारंभ हो रहा हो उससे पहले स्नान करें वह अधिक से अधिक प्रभु का नाम सिमरन करें या सूर्य ग्रहण है जिसमें आदित्य हृदय से सूर्य मंत्र का जाप करें वह ग्रहण समाप्त होने पर गंगाजल या किसी भी तीर्थ का जल मिलाकर खुद भी स्नान करें मंदिर को सभी स्वरूप को स्नान कराएं वह मंदिर साफ करके फिर ठाकुर जी की सेवा भोग लगाएं ग्रहण काल में मंदिर के पट बंद कर देना चाहिए वह ठाकुर जी की मूर्ति को स्पर्श करना आवश्यक है खाना-पीना नहीं डरा तेल लगाना नाखून काटना, बाल काटना, आदि कार्य नहीं करना चाहिए
गर्भवती स्त्रियां क्या करें क्या ना
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल शुरू होने से पहले नाभि पर गोमूत्र और गोबर का हल्का सा लेप लगा ले या पवित्री पहन लें या कुछ भी ना मिले की अवस्था में एक नारियल ग्रहण काल में अपने पास रख लें वह ग्रहण समाप्त होने पर उसको अपने ऊपर से 7 बार वार के चलाते चलते हुए पानी में बहा दें ठाकुर जी का नाम का जप करते रहें
मेष- धन लाभ
मिथुन- दुर्घटना, चोट भय ,चिंता
कर्क- धन हानि
सिंह- लाभ, उन्नति
कन्या- रोग कष्ट
तुला- चिंता, संतान कष्ट
वृश्चिक- शत्रु भय, साधारण लाभ
धनु- वैवाहिक कष्ट, रोग भय
मकर- रोग , चिंता
कुम्भ- खर्च अधिक, कार्य विलंब
मीन- कार्य सिद्धि
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