इस साल आने वाले 21 जून को रविवार का दिन है और आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि है साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को होने वाला है यह ग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और यह अपना बड़ा प्रभाव भी डालेगा यह एक कंकणाकृती सूर्यग्रहण होगा कंकाल आकृति उसे कहते हैं जो ग्रहण अधूरा होता है सूर्य पूर्णकाला नहीं होता यह काफी बड़ा होगा 21 जून को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि पर लगने वाला है इस राज्य में सूर्य बुध राहु के साथ चंद्रमा की भी रहेगी इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से भूकंप तूफान आज जैसे आपदाएं भी आ सकते हैं 21 जून को सूर्य ग्रहण कुल 3 घंटे 28 मिनट 36 सेकंड का है यह सूर्य ग्रहण सुबह 10:20 से शुरू होगा दोपहर 1:49 तक रहेगा जबकी
सूूूतक काल 20 जून की रात्रि 9:52 से शुरू हो जाएगा 21 जून को दोपहर 1:49 तक रहेगा ग्रहण के दौरान जो किरणें निकलती हैं उसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को ही लगता है क्योंकि अमावस्या की तिथि पर सूर्य और चंद्रमा दोनों एक साथ होते हैं अमावस्या के दिन सूर्य ,चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा पर होती हैं यहां ग्रहण पूरे भारत में दिखेगा इस दिन किया गया दान 10 लाख गुना फलदाई होगा यह एक खगोलीय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका बड़ा ही महत्व है सूर्य ग्रहण से जुड़े कई नियम शास्त्र में बताए गए हैं
तो चलिए हम जानते हैं इन नियमों के बारे में
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए
1) सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र नारायण मंत्र गुरु मंत्र सूर्य मंत्र का जाप करें
2)
सूर्य ग्रहण के दौरान गाय को घास, काले कुत्ते को रोटी
पक्षियों को दाना तथा जरूरतमंदों को वस्त्र देने से 10 गुना पुण्य प्राप्त होता है
सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए
2) ग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है इतने वर्षों तक उसे नर्क में वास करना पड़ता है।
3) ग्रहण के दिन बटे तीन की लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए स्त्री को अपना बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए
4) ग्रहण के समय कोई भी शुभ बनाया कार्य नहीं शुरू करना चाहिए
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